THE BASIC PRINCIPLES OF HANUMAN MOHINI MANTRA

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

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ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सव्रग्रहान् भूतभविष्यद्वर्तमानान् समीपस्थान सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय स्वाहा।

मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्

योषिद्वाहन योषास्त्र योषिद्बन्धो नमोऽस्तु ते ॥ ४॥

नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम्।

हफ्ते में किस दिन व्रत रखने से क्या फल मिलता है



तदेव कर्मणां बीजं तदुद्भव नमोऽस्तु ते ॥ १॥

हनुमान स्तुति मंत्र का नियमित रूप से जो भी व्यक्ति जब करता है उसके सारे बिगड़े काम ठीक होने लगते हैं और सारे संकट भी समाप्त हो जाती है और अगर किसी जातक को किसी भी प्रकार की कोई ग्रह बाधा है जैसे कि मंगल दोष, शुक्र दोष, गुरु दोष, शनि दशा आदि वह भी शांत हो जाती है । मंगल दोष या शनि दशा में हनुमान स्तुति मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।

वशीकरण मंत्र का प्रयोग न करें .यदि पहले से किसी वशीकरण मंत्र का प्रयोग कर रहे हों,तो इसे साथ मे न करें .



वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

This is another Mohini Mantra to catch the attention of the appreciate and affection of one and all you run into. The only distinction between this one as well as the past one I have provided in the sooner article is that you have to achieve Siddhi [mastery] over click here the mantra. The Mastery must be received by chanting the mantra constantly a thousand occasions.



स्तोत्रमेतन्महापुण्यं कामी भक्त्या यदा पठेत् ।

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